Palanhar Yojana: देश में कई ऐसे मासूम बच्चे हैं जो अनाथ, पराश्रित या कठिन परिस्थितियों में जीवन बिता रहे हैं। ऐसे बच्चों की परवरिश और शिक्षा अक्सर आर्थिक अभाव के कारण प्रभावित हो जाती है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने पालनहार योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना के जरिए बच्चों को हर महीने वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि उनकी परवरिश, पढ़ाई और बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हो सके।
योजना से मिलने वाले लाभ
पालनहार योजना का लाभ जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को मिलता है। इस योजना में 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति माह ₹1500 की राशि दी जाती है। वहीं, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को हर महीने ₹2500 की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है। इतना ही नहीं, सरकार बच्चों की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करने के लिए सालाना ₹2000 की वार्षिक सहायता भी देती है। इस तरह यह योजना न केवल भोजन और कपड़ों के खर्च में सहारा बनती है बल्कि बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करती है।
किन बच्चों को मिलेगा लाभ
पालनहार योजना का लाभ केवल राजस्थान के बच्चों को ही दिया जाता है। जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो चुका है या जो पूरी तरह अनाथ हैं, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा जिन बच्चों के माता-पिता दिव्यांग हैं, केवल मां जीवित है या माता-पिता एचआईवी पॉजिटिव हैं, उन्हें भी योजना में शामिल किया गया है। इस तरह यह योजना 0 से 18 वर्ष की आयु के हर पात्र बच्चे को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना में आवेदन करने के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और बैंक खाता पासबुक जरूरी है। अगर बच्चे के माता-पिता का देहांत हो गया है तो मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। जिन बच्चों के माता-पिता दिव्यांग हैं, उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा पासपोर्ट साइज फोटो भी आवेदन के साथ अपलोड करनी होती है।
आवेदन प्रक्रिया
पालनहार योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां रजिस्ट्रेशन का विकल्प चुनकर नया अकाउंट बनाना होगा। लॉगिन करने के बाद “पालनहार योजना” खोजें और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म खोलें। फॉर्म में बच्चे और अभिभावक की जानकारी भरें, बैंक डिटेल्स डालें और आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें। फॉर्म सबमिट करने के बाद विभाग द्वारा जांच और सत्यापन किया जाएगा। सभी औपचारिकताएं पूरी होने पर बच्चों के खाते में वित्तीय सहायता भेजी जाने लगेगी।